Kedarnath Dham Yatra Ki Jankari. धीरे धीरे ये बादल और गहरे होते गए. और देखते ही देखते हलकी हलकी बारिश शुरू हो गयी. बारिस होने से रास्ते में टेम्प्रेचर 0 डिग्री से निचे चला गया. अब बारी थी Snowfall बर्फ़बारी ही. बस देखते ही देखते बारिश की बूंदो ने बर्फ़बारी का रूप ले लिया। मेरी सोची हुई बात भगवान ने सुनी और पूरी कर दी.
Hindi Tech Guru के सभी पाठको का स्वागत है मेरी आज की Kedarnath Dham Yatra की पोस्ट मैं. जिसमे मैं आपको Char Dham में प्रमुख Kedarnath Dham के बारे में बताने वाला हु. तो चलिए भगवान शंकर का नाम लेकर शुरू करे है अपनी पहली केदारनाथ यात्रा की कुछ ऐसी बाते जो सीधे मेरे दिल से निकलेगी. बोलो शंकर भगवान की जय. अपनी आज की पोस्ट के द्वारा मैं आपको भगवान केदारनाथ धाम के दर्शन भी करवाऊंगा. मेरी आज की इस पोस्ट का टाइटल है Kedarnath Dham Yatra ki Jankari Aap Bhi Kare Darshan.
Kedarnath Dham Yatra ji jankari |
Kedarnath Dham Yatra Ki Jankari Hindi me
मेरा बहुत सालो से मन था कि मैं भी Kedarnath Dham जाकर भगवान् भोलेनाथ के दर्शन करू. लेकिन परेशानी थी अकेले में जा नहीं सकता था. और कोई जाने वाला साथी साथ चलने के लिए तैयार ही नहीं था. आज के टाइम में सभी को अपनी जॉब की बहुत चिंता है. जिस से भी जाने के लिए बोलो बस एक ही जवाब मिलता है यार Office से छुटटी नहीं मिलेगी. दुनिया सच में बहुत बदल गयी है भगवान से मुलाकत करने के लिए भी टाइम नहीं निकाल पाती है.
खेर मेरा तो मन था ही केदारनाथ धाम जाकर भगवान शिव जी के दर्शन करने का तो भगवान भोलेनाथ ने मेरी भी सुनी और मुझे भी अपने धाम आने का मौका दिया. केदारनाथ जाने के लिए मैंने अपने एक Friend या यु कहे एक फेमली मेंबर जैसे इंसान को बोला. तो उसमे बोला ठीक है Mayank भाई मानसून खत्म होते है हम लोग Kedarnath Dham चलेंगे।
मैंने पूछा हम केदारनाथ जाने के लिए मानसून रुकने का क्यों इन्तजार करे तो उसमे बोला मानसून खत्म होने के बाद सभी रास्ते ठीक होते है. और वो टाइम Off सीजन का होता है. तो हमे दर्शन भी अच्छे से हो जाएंगे। और हमे जाने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। उसकी बात को मेने समझा और मानसून खत्म होने का इन्तजार करने लगा.
आप सभी को मालूम ही होगा जून के महीने में मानसून शुरू होता है और सितम्बर में खत्म होता है. तो मैंने Char Dham के कपाट खुलने से लेकर यानी मई से लेकर सितम्बर तक का इन्तजार किया। खेर Time बीतता गया और मानसून भी खत्म होने की स्टेज पर आ गया. यानी सितम्बर का महीना आ गया.
Kedarnath Dham Yatra Ki Suruaat
अब बारी थी Kedarnath Dham Yatra करने की. मैंने अपने Friend को फोन लगाया और पूछा क्या प्लान है. मानसून खत्म हो गया है. कब चलना है और कितने मेंबर चलेंगे हमारे साथ. तो सामने से जवाब आया की एक दो दिन में बताता हु. दो तीन बन्दों को और बोलता हु. सब एक साथ मिल कर Kedarnath Dham Yatra पर चलेंगे।
मैंने बोला जो भी करना है जल्दी करो कही कपाट बंद ना हो जाए. यह मैं दीपावली से 2 हफ्ते पहले की बात कर रहा हु. दिवाली के आसपास चारधाम के कपाट बंद हो जाते है. खेर जैस तैसे करके उसमे 2 और बन्दों को केदारनाथ धाम चलने को राजी किया। और बड़ी मुश्किल से एक गाडी बुक करी.
मैं धन्यवाद देना चाहूंगा अपने उस Friend को जिसने अपनी बात पूरी करते हुवे मेरी केदारनाथ धाम यात्रा के सपने को पूरा किया। मेरी पहली केदारनाथ धाम यात्रा का शुभ समय आया 24 अक्टूवर का.
kedarnath yatra |
इस ढाबे पर रुक कर हम लोगो ने नाश्ता किया |
ये ही वो तीनो दोस्त है जो मेरे साथ गए थे |
ये तीनो अपनी सेल्फी ले रहे थे और मैं इनकी फोटो खींच रहा था |
Char Dham Yatra Registration
chardham registration केन्द्र |
रिजस्ट्रेशन करवा कर हम लोगो ने अपनी यात्रा फिर से शुरू करी और रास्ते में आने वाले मनमोहक सीन को मैंने अपने Mobile के कैमरे में कैद किया। मैं आप सभी को बताना चाहूंगा केदारनाथ धाम पर जितनी भी फोटो मैंने खींची है वो मैंने अपने Mobile Phone के द्वारा ही खींची है. हलाकि मैं Digital कैमरा भी अपने साथ ले गया था. लेकिन उसकी जरूरत कम पड़ी मुझे.
केदारनाथ के रास्ते में स्तिथ झरना |
झरने में साधु की मुद्रा में हमारा एक साथी |
सुबह 7 बजे के निकले हुवे हमे काफी टाइम हो गया था तो हम लोग लगभग शाम को 5 बजे के आसपास सीतापुर पहुंच गए जो की सोनप्रयाग से कुछ किलोमीटर पहले ही है. मैं आपको बताना चाहूंगा सोनप्रयाग Kedarnath Dham Yatra का वो पहला पड़ाव है जहा सभी यात्री रुकते है. और यही से केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती है.
पहले केदारनाथ धाम के लिए पैदल यात्रा गोरी कुंड से शुरू होती थी. लेकिन 2013 में आयी आबदा के बाद गोरी कुंड पूरी तरह तबाह हो गया जिसकी वजह से सोनप्रयाग को ही Kedarnath Dham Yatra का पहला पड़ाव बना दिया गया है.
हम लोग अपने टाइम के हिसाब से थोड़ा जल्दी पहुंच गए थे तो सीतापुर से पहले ही हमे बहुत से Helicopter वाले भी मिले। जिन्होंने हमे बताया की वो 5000 रूपये 1 Member के हिसाब से हमको ऊपर Kedarnath Dham में उतार देंगे। और सुबह Morning में वापिस सीतापुर में ही उतार देंगे। लेकिन हम लोग Helicopter से जाने के बिलकुल भी विचार में नहीं थे. तो हमने उन्हें मना कर दिया।
अब चुकी हम जल्दी सीतापुर आ गए थे तो हमारे पास बहुत टाइम था कही और जाने का. लेकिन उस टाइम Kedarnath की यात्रा शुरू करने का टाइम नहीं था. क्युकी शाम को 6 बजे के आसपास सोनप्रयाग से रास्ते बंद कर दिए जाते है. ज्यादा टाइम होने की वजह से हमने कही और जाने का विचार किया.
Shri Triyuginarayan Temple
Shri Triyuginarayan Temple |
Guest house जहा हम लोग रुके थे |
रात को गेस्ट हॉउस में रुकने के बाद हम Morning में 7 बजे सोनप्रयाग के लिए गाडी में बैठकर निकल गए. मौसम बिलकुल साफ़ था. तेज धुप थी मैं मन ही मन सोच रहा था कि केदारनाथ धाम में तो अक्सर बर्फ पड़ती है. बढ़ते प्रदूषण के कारण मौसम में इतना बदलाव आ गया है की यहाँ भी इतनी तेज धुप निकल रही है. मैंने मन ही मन सोचा काश अगर Kedarnath धाम में बर्फ पड़ जाती तो मजा आ जाता।
शायद मेरे मन की बाते भगवान भोलेनाथ तक पहुंच गयी थी. क्युकी कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी हम चारो लोगो में से किसी ने भी तैयारी नहीं की थी. धुप बहुत तेज थी मौसम बिलकुल साफ़ था तो हम आधी अधूरी तैयार के साथ सोनप्रयाग के लिए निकल गए.
हमे भरोसा था कि हम केदारनाथ धाम की यात्रा करके शाम तक वापिस आ जायेंगे। क्युकी मेरा जो Friend था वो पहले भी केदारनाथ धाम की यात्रा कर चूका था. तो सब उसी के अनुसार चल रहे थे. ना कोई Mobile को चार्ज करने के लिए Power बैंक। ना कोई ठण्ड से बचने के लिए टोपे और दस्ताने. ना कोई दवाई। हमारे पास सब चीजे मौजूद थी. लेकिन सब हमने अपने रूम में ही छोड़ दी. जो की हमे सीतापुर में लिया हुवा था.
सोनप्रयाग में मेरे तीनो साथी गाडी वाले से बात कर रहे है |
Kedarnath Dham Yatra का पैदल रास्ता
gauri-kund जहा से हमारी पैदल यात्रा शुरू होगी |
घोड़ो की सवारी करते यात्री |
केदारनाथ धाम का पैदल रास्ता |
पैदल रस्ते के बिच में दिखा बहुत बड़ा पहाड़ |
पैदल रस्ते में मनमोहक झरना |
इसी झरने का ज़ूम करके लिया गया फोटो |
रास्ते में मेरे साथी फोटो खिचवाते हुवे |
ये वो ही गोरी कुंड है जहा कभी बड़े बड़े होटल थे |
आपदा के बाद सब कुछ खत्म हो गया |
शुबह हम लोग जल्दी ही अपने रूम को छोड़कर यात्रा के लिए निकल गये थे. तो हम सभी खाली पेट थे मेरा विचार तो खाली पेट यात्रा करके केदारनाथ जी के दर्शन करने के बाद ही कुछ खाने का विचार था. तो इसलिए मैंने कुछ भी नहीं खाया था. लेकिन जो मेरे साथी थे. वो लोग रास्ते में कुछ ना कुछ खाते हुवे जा रहे थे.
केदारनाथ पैदल रस्ते की चढ़ाई |
पैदल रस्ते पर मेरा साथी |
Chardham Yatra Cashback Offer Click Now
खड़ी चढ़ाई होने के कारण हम लोग बहुत थक चुके थे मैं तो खाली पेट था तो मुझे भी थकान ज्यादा हो रही है. जहा मेरे साथी जगह जगह रूककर खाना खा कर आगे बढ़ रहे थे वही मैं केवल चाय पीकर आगे बढ़ रहा था. मन में बस यह ही विचार था की भगवान Kedarnath जी के दर्शन करने के बाद ही कुछ खाऊंगा।केदारनाथ के रस्ते में ही अचानक काले काले बादल आने लगे और मौसम खराब हो गया |
Kedarnath Snowfall
kedarnath में snowfall होती हुई |
kedarnath snowfall में फोटो खिचवाता मेरा साथी |
हम तो बस शिव भगवान से यह ही प्राथना कर रहे थे की बस एक बार सही सलामत भगवान केदारनाथ के दर्शन हो जाए. उसके बाद भले ही कुछ भी हो जाए. खेर गिरती बर्फ में हम आगे बढ़ते रहे पूरा शरीर बर्फ से ढक चूका था. ना कोई सर पर टोपा ना कोई हाथो में दस्ताने। बस चले ही जा रहे थे भगवान की एक झलक पाने के लिए.
3 घंटे बर्फ में पैदल चलने के बाद रास्ते में एक चाय की दूकान दिखी वही रुक कर हम लोगो ने चाय पी और मैं सुबह से खाली पेट था तो धीरे धीरे मेरा शरीर भी मेरा साथ छोड़ रहा था फिर उसी दूकान पर चाय के साथ मैंने बिस्कुट खाया। तब मुझे थोड़ी बहुत आगे चलने की हिम्मत मिली।
उसी दूकान वाले से हमने बर्फवारी के बारे में भी पूछा तो उसमे बताया यह सीजन की पहली बर्फवारी है इस से पहले यहाँ कोई बर्फ नहीं पड़ी. तब मुझे एहसास हो गया भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली थी तब ही मुझे बर्फवारी के दर्शन भी करा दिए और उसी में चलते रहने को मजबूर भी कर दिया।
खेर ठण्ड से कपकपाते हुवे सुबह 7 बजे के चले हुवे हम लोग शाम को 5 बजे के आसपास हम लोग Kedarnath Dham पहुंच गए. कहा हमारा प्लान एक दिन में यात्रा पूरी करने निचे सीतापुर में जाने का था और कहा हम लोग पुरे दिन यात्रा करके शाम को केदारनाथ धाम पहुंचे।
केदारनाथ जी का मंदिर |
मंदिर के बहार मेरी फोटो जो की आपको क्लियर नहीं दिखाई देगी |
Kedarnath Dham में आपदा के फोटो
मंदिर के बाहर से ही दर्शन करने के बाद हम लोग कुछ फोटो ग्राफ़ी करने लगे. शाम के 6 बजे के आसपस होने वाले थे तो रौशनी ज्यादा नहीं थी. फिर भी मैंने अपने मोबाइल फ़ोन से ही फोटोग्राफी करी. केदारनाथ धाम में अभी भी आपदा के निशान तरो ताजा थे चारो तरफ केवल बड़े बड़े पथ्थर। और उन पथ्थरो के निचे दबे हुवे मकान होटल सब वैसा का वैसा ही पड़ा था केदारनाथ धाम में. आपदा के कुछ फोटो आपको निचे दे रहा हु. ये सभी फोटो मैंने अपने मोबाइल से ही खींचे है. पूरी यात्रा के दौरान सबसे अच्छी बात यह रही की मेरे मोबाइल की बैटरी ने मेरा पूरा साथ दिया। यात्रा के अगले दिन तक मैंने अपने मोबाइल से फोटो खींचे है.केदारनाथ में पड़े हुवे बड़े बड़े पत्थर |
पत्थरो के निचे दबे होटल |
केदारनाथ मंदिर के पीछे का सीन जिन बड़े बड़े पत्थरो के कारण मंदिर का बचाव हुवा |
शाम के 6 बज गए थे और रात होने लगी थी और बर्फीली हवा भी चल रही थी जिसकी वजह से हम सब की कपकपी छूट रही थी तो अब मेरी बारी फोटोग्राफी बंद करके कुछ खाने की थी. सुबह से कुछ नहीं खाया था मैंने। मेरा शरीर बिलकुल कमजोर हो गया था. हम लोग केदारनाथ में ही स्तिथ एक होटल में खाने लिए गए. जैसे ही खाने के लिए बैठे वह मेरी तबियत खराब हो गयी. इतने ठन्डे मौसम में पसीने ही पसीने मुझे आने लगे. अंदर से अजीब से मन होने लगा. शायद मेरा बीपी लो हो गया था जिसकी वजह से ऐसा हो गया. और ऊपर से सुबह से कुछ खाया नहीं था. तो कुछ ना कुछ तो बुरा होना ही था।
जब मुझे पसीने पसीने आने लगे तो मेरा कुछ मन नहीं कर रहा था खाने का ना ही चलने की हिम्मत हो पा रही थी. फिर उसी होटल मैं मेरे साथियो ने मेरे लिए गर्म पानी करवा कर मुझे पिलाया थोड़ी देर मैं ऐसे ही शांत बैठा रहा. उसके बाद फिर मैंने एक पराठा खाया। वो भी बहुत मुश्किल से खाया। जैसे ही पराठा खाया वैसे ही मुझे...............??......??............. आप समझ सकते हो मेरे साथ क्या हुवा होगा.
अब मुझे थोड़ा ठीक महसूस हो रहा था लेकिन जिस तरह मुझे थकवाट थी ठीक उसी तरह मेरे सभी साथियो को थकावट हो रही थी. पुरे दिन पैदल बर्फवारी में चलकर सबकी हालत बहुत खराब थी. हम लोग 6.30 बजे के करीब ही अपने रूम में चले गए. और जाते ही पड़ कर सो गए. पूरी रात भर केदारनाथ में बर्फवारी होती रही और हम लोग ठण्ड के मारे अपने रूम में कपकपाते रहे. इन्तजार था बस सुबह होने का.
हम सभी सुबह 4.30 बजे उठे और 5 बजे के करीब केदारनाथ जी के मंदिर में पहुंचे। वहा देखा तो बहुत से लोग मंदिर के अंदर मौजूद थे जो भगवान केदारनाथ शिला की पूजा कर रहे थे. हम लोग जैसे ही मंदिर के बाहर पहुंचे। एक पंडित जी आ गए हमारे पास वो ही हमे मंदिर के अंदर ले गए और उन्होंने ही हमसे मंदिर में मौजूद भगवान केदारनाथ जी की बहुत बड़ी शिला की पूजा करवाई। पहली बार अपनी आँखों से केदारनाथ जी के दर्शन किये। जो एक दिन पहले हमारे ऊपर बिता जो हमारी थकावट थी. वो सब खत्म हो गयी. भगवान भोलेनाथ के दर्शन करके।
सुबह के 5.45 तक हम लोग पूजा कर चुके थे. अब हम सभी ने अपने अपने फोन निकाल कर अपने परिवार वालो से बात करी. मैं आपको बताना चाहूँगा मेरे मोबाइल में Airtel और Jio का सिम था यकीन मानिये केदारनाथ धाम में केवल एक ही Mobile कम्पनी के टावर आ रहे थे. वो था Jio फुल टावर थे 4 G के और किसी भी कम्पनी के टावर नहीं थे केदारनाथ में. सच में Jio जेसी कम्पनी ने बहुत ही कम टाइम में अपनी अलग पहचान बना ली है. Kedarnath Dham में फुल टावर के लिए Jio को मेरा सलाम.
Kedarnath Dham में Helicopter की सर्विस
अब बस हम लोगो की वापिसी की तैयारी थी. हम लोग इतने थके थे की हमारी पैदल निचे जाने की हिम्मत नहीं थी. हम सभी ने फैसला किया की हम लोग वापिस helicopter से जायेंगे। बस हम लोगो ने चाय पी और निकल पड़े Helicopter के लिए. जहा Helicopter खड़ा होता है वह पहुंचे तो देखा वहा तो पहले से ही बहुत से लोग खड़े है. जिन्होंने एक दिन पहले की बुकिंग करवाई हुई थी.केदारनाथ के सुबह के फोटो |
केदारनाथ में चारो तरफ केवल बर्फ ही बर्फ |
हम लोगो ने बड़ी मुश्किल से अपने लिए 2500 रूपये पर मेंबर के हिसाब से Helicopter बुक किया और इन्तजार करने लगे Helicopter के आने का. इन्तजार काफी लम्बा था तो मैंने फिर से अपना Mobile बाहर निकल लिया। और लगा मनमोहक द्रश्य को अपने मोबाइल में कैद करने को. ऊपर जो आप फोटो देख रहे हो ये Morning की ही फोटो है.
फोटोग्राफी करते करते मेरे साथी ने मुझे सुचना दी कि Helicopter वालो ने हमारे पैसे वापिस कर दिए है. उनके पास सीट नहीं है. हम सभी दुबारा से हेलीकाप्टर वाले के पास गए और अपनी मजबूरी बताई लेकिन उन लोगो के लिए हमारी मजबूरी कोई मायने नहीं रखती थी. हम लोगो को चाज पड़ताल के बाद पता चला की अब ये लोग एक मेंबर के 3000 रूपये ले रहे है. जो 3000 रूपये देगा उसे ही सीट मिलेगी।
केदारनाथ में भीड़ बहुत ज्यादा थी जिसकी वजह से Helicopter वालो के लिए पैसा कमाने का अच्छा मौका था. उन्हें लोगो की मज़बूरी की परवा नहीं थी बल्कि उन्हें पैसा कमाना था खेर हम लोगो की पैदल निचे जाने की हिम्मत नहीं थी तो हम चारो ने 3000 रूपये पर मेंबर के हिसाब से 12000 रूपये उस हेलीकाप्टर वाले को देकर अपनी सीट बुक कर ली.
kedarnath में helicopter उतरता हुवा |
मैं तो हल्का फुल्का हु और एक मेरा साथी था जो की मेरी ही तरह था तो हम दोनों लोगो को पायलेट के पास बैठने का मौका मिला। जब Helicopter उड़ा तो मजा आ गया ऊपर से निचे का नजारा देख कर. मात्र 10 मिनट में ही Helicopter ने हमे सीतापुर उतर दिया। जिस kedarnath dham yarta को हमने पुरे दिन पैदल चल कर पूरा किया। उस यात्रा का सफर केवल 10 मिनट में एक Helicopter ने पूरा कर दिया।
भले ही हमारे 3000 रूपये सवारी के हिसाब से पैसे खर्च हो गए थे लेकिन हम लोग टाइम से निचे वापिस आ गए और उसी टाइम अपनी गाडी में बैठकर Haridwar के लिए वापिस भी हो गए. 6 बजे के करीब हम लोग अपने घर Haridwar में पहुंच चुके थे. मेरी पहली Kedarnath Dham Yatra कुछ खट्टी मीठी यादो के साथ सफलता पूरवक पूरी हो गयी थी.
अब फिर दुबारा से केदारनाथ धाम जाने का मन है लेकिन इस बार पूरी तैयार के साथ जाऊंगा। ताकि किसी भी तरह की कोई परेशानी ना आये. Kedarnath Dham Yatra सच में एक बेहतरीन यात्रा है. आप सभी अपनी जिंदगी में से थोड़ा सा टाइम निकाल कर भगवान केदारनाथ जी के दर्शन जरूर करे. आप सभी को भगवान के धाम में पहुंच कर ऐसा एहसास होगा ऐसी शांति मिलेगी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
मैंने फिर से अपने उन साथियो का दिल से धन्यवाद देना चाहूंगा। जिन्होंने मेरे केदारनाथ धाम जाने के सपने को पूरा किया। और मेरी यात्रा को यादगार बनाया। मई में फिर से Uttarakhand में मौजूद Char Dham के कपाट खुल रहे है. और इस बार हमारा विचार गंगोत्री जाने का है अगर सब ठीक रहा थो इस बार Gangotri Dham की Yatra करेंगे।
Meri Kedarnath Dham Yatra की पोस्ट बहुत ज्यादा लम्बी हो गयी है. अब अपनी पोस्ट को यही विराम देता हु. Kedarnath Dham Yatra से जुड़ा अगर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप मुझे मेरे Mobile Number 7060830844 पर फोन करके पूछ सकते हो. मुझे खुशी मिलेगी केदारनाथ से जुडी बात आप लोगो को बताने में. चलिए अब में चलता हु. मिलता हु अपनी अगली पोस्ट में. मेरी इस पोस्ट को अपने Facebook और Whatsapp पर जरूर शेयर करे. ताकि हर कोई भगवान भोलेनाथ की महिमा को महसूस कर सके. और केदारनाथ धाम आकर भगवान के दर्शन कर सके. तो एक बार दिल से बोलिये।
सर जी आपकी यात्रा की पोस्ट की जानकारी जानकर हमको बहुत अच्छा uske liye aapka bahut bahut Shukriya Kabhi time Milta Hai To Hum Bhi Darshan karna Chahoonga आपने हमें उससे अवगत कराया उसके लिए आपका धन्यवाद
ReplyDeleteThanku sir
ReplyDelete