आपने मेरी पिछली पोस्ट में कागज से बने एक से एक चित्र देखे थे इस बार भी में आपके लिए ऐसे चित्र लाया हु जिन्हें आप भी अपने हाथो पर बना सकते क्युकी ये चित्र बस हाथो की उंगलियों पर ही बन सकते है
बचपन मे बनाया करते थे। अब भी अपने नाति नातिन को बनाना सिखाती हूँ। हाँ इन पर फूल पत्ते लगाना और पंख लगाना तुम से सीख लिया अब तो बच्चे खुश हो जायेंगे। बहुत बढिया । आशीर्वाद।
------------चेतावनी-----------
इस profile में लिखी गयी सारी बातें सत्य घटना पर आधारित हैं । इन बातों का किसी और व्यक्ति/घटना से किसी भी प्रकार से मिलना (वैसे किसी से मिलेगी नही) महज़ एक संयोग समझा जाएगा । ********************** मैं एक नम्बर का लुच्चा, लफंगा, आवारा, बद्तमीज़, नालायक, बदमाश, दुष्ट, पापी, राक्षस (और जो बच गया हो उसे भी जोड़ लो) कतई नही हूँ यार । हाँ दारू, सुट्टा, गाँजा, अफ़ीम, हेरोइन वगैरह……अबे ये सब भी नही पीता हूँ यार मैं बहुत होनहार , सीधा-साधा , सबको प्यार करने वाला , नेक दिल , ईमानदार, हिम्मती, शरीफ़ (अबे पूरे शरीर से शराफ़त टपकती है भाई), भोलाभाला (बस भोला हूँ भाला वगैरह नही रखता यार………अबे आदिवासी ठोड़े ही हूँ) लडका हूँ.
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बहुत बढिया जनाब ...
ReplyDeleteBahut Adbhud ! :
ReplyDeleteनीचे से तीसरा सबसे अच्छा लगा
ReplyDeleteबचपन मे बनाया करते थे। अब भी अपने नाति नातिन को बनाना सिखाती हूँ। हाँ इन पर फूल पत्ते लगाना और पंख लगाना तुम से सीख लिया अब तो बच्चे खुश हो जायेंगे। बहुत बढिया । आशीर्वाद।
ReplyDeletebahut he aacha post hai aapka !
ReplyDeleteबहुत खूब! अपनी कल्पना को क्या रंग दिया है! आपने सभी चित्र कुछ ना कुछ कहते से प्रतीत होते हैं.
ReplyDeleteआपको आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!
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